पैरा तीरंदाज पायल नाग की पूरी जानकारी:
नाम: पायल नाग
खेल: पैरा तीरंदाजी
उपलब्धि: जयपुर में आयोजित छठी नेशनल पैरा चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता।
विशेषता: पायल नाग दुनिया की पहली और एकमात्र पैरा तीरंदाज हैं, जो व्हीलचेयर पर बैठकर खेलती हैं और कृत्रिम हाथ का उपयोग करती हैं।
पायल नाग: संघर्ष से सफलता तक की प्रेरणादायक कहानी
पायल नाग का जन्म ओडिशा के बलांगीर जिले के जमुनाबहाल गांव में हुआ था। वर्ष 2015 में, जब वह मात्र 8 वर्ष की थीं, अपने माता-पिता के साथ छत्तीसगढ़ के रायपुर में मजदूरी करने गईं। वहां एक निर्माणाधीन भवन पर पानी डालते समय उच्च वोल्टेज तार के संपर्क में आने से उन्होंने अपने दोनों हाथ और पैर गंवा दिए।
इस हादसे के बाद, पायल को उनके माता-पिता ने बलांगीर के एक अनाथालय में छोड़ दिया, जहां उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की। उनकी प्रतिभा और दृढ़ संकल्प को देखते हुए, पूर्व जिला कलेक्टर चंचल राणा ने उनकी मदद की और उन्हें जम्मू-कश्मीर के कटरा स्थित माता वैष्णो देवी श्राइन आर्चरी अकादमी में प्रशिक्षण के लिए भेजा। वहां, कोच कुलदीप वेदवान के मार्गदर्शन में, पायल ने लगभग डेढ़ वर्ष तक कठोर प्रशिक्षण लिया।
पायल ने एक अनोखी तकनीक विकसित की है जिसमें वह तीर को अपने मुंह से सेट करती हैं, अपने शरीर को पीछे खींचती हैं, और कंधे की हल्की झटके से तीर छोड़ती हैं।
उपलब्धियां:
राष्ट्रीय पैरा तीरंदाजी चैंपियनशिप: पायल ने जयपुर में आयोजित छठी राष्ट्रीय पैरा तीरंदाजी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा।
खेलो इंडिया पैरा गेम्स 2025: नई दिल्ली में आयोजित खेलो इंडिया पैरा गेम्स 2025 में, पायल ने महिला कंपाउंड व्यक्तिगत स्पर्धा में रजत पदक हासिल किया। फाइनल में उन्होंने 129 अंक प्राप्त किए, जबकि स्वर्ण पदक विजेता शीतल देवी ने 137 अंक हासिल किए।