कैलाश कुमार, बोकारो: “अगर जज़्बा हो तो रास्ते खुद बन जाते हैं…” बोकारो के पेटरवार प्रखंड स्थित सदमाकला गांव के कैफ अंसारी ने इस कहावत को हकीकत में बदल दिया है. SSC CGL 2024 की परीक्षा में 862वीं रैंक लाकर उन्होंने यह साबित कर दिया कि गरीबी कभी भी सफलता की राह में रोड़ा नहीं बन सकती. अब 26 अप्रैल से वे इनकम टैक्स इंस्पेक्टर की ज़िम्मेदारी संभालेंगे.
कबाड़ बिनने का काम करते थे पिता
कैफ के पिता अहसनुल अंसारी कबाड़ का काम करते हैं और मां अंजुम आरा एक गृहिणी हैं. सीमित संसाधनों और कठिन परिस्थितियों में पले-बढ़े कैफ ने अपने दम पर वो कर दिखाया जो कई लोगों का सपना होता है.
लोकल 18 से खास बातचीत में कैफ ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, नाना-नानी, शिक्षकों और परिवार को दिया. उन्होंने कहा, “अगर वो लोग साथ न होते तो शायद मैं यहां तक नहीं पहुंच पाता.”
रिवीजन और मौक टेस्ट ने दिलाई सफलता
ग्रेजुएशन के बाद के दो साल उनके लिए काफी उलझन भरे थे. खुद को खोया-खोया महसूस कर रहे कैफ को उनके मामा खुर्शीद राजा ने प्रतियोगी परीक्षाओं की ओर प्रेरित किया. इसके बाद उन्होंने ठान लिया कि अब रुकना नहीं है. रोज़ाना 6 से 10 घंटे की पढ़ाई, निरंतर रिवीजन और मॉक टेस्ट ने उन्हें इस सफलता तक पहुंचाया.
कैफ ने उत्क्रमित मध्य विद्यालय प्रखंड कॉलोनी, पेटरवार से शुरुआती पढ़ाई की और ग्रेजुएशन बड़ा कॉलेज, पिछली से पूरा किया. उनका सफर इस बात का प्रमाण है कि मेहनत, धैर्य और सही मार्गदर्शन से कोई भी मंज़िल पाई जा सकती है.
बेटे की इस उपलब्धि पर पिता की आंखें नम हो उठीं. अहसनुल अंसारी कहते हैं, “मेरा बेटा अब देश की सेवा करेगा, यही सपना था… अब वो पूरा हो गया. मैं उन सभी शिक्षकों और लोगों का शुक्रगुजार हूं जिन्होंने उसका साथ दिया.”